बसों का संचालन ठप होने से बस संचालको को रोजी रोटी का संकट

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शीशगढ़। कस्बे से बहेड़ी के लिए चलने वाली निजी बसों का संचालन पिछले दो माह से ठप पड़ा है। बसों का संचालन ठप होने से बस चालकों, परिचालकों के साथ ही बस मालिकों के सामने रोजी रोटी का संकट गहरा गया है।
ज्ञात हो कि कस्बे से बहेड़ी की दूरी 23 किमी है। आने जाने के लिए 14  निजी बसों का संचालन होता है। इस रोड पर ई-रिक्शा व अवैध टैंपुओ  का संचालन बढ़ने से बसों पर पर्याप्त सवारियां नहीं बैठती हैं। सवारियां न बैठने से बसों के डीजल का खर्च भी नही निकल पाता है। जबकि ई-रिक्शा संचालक दो – तीन सवारियां बैठा कर तथा टैंपू चालक शीशगढ़ से बहेड़ी तक आठ – दस सवारियां बैठा कर चल देते हैं। जो सवारी बस से यात्रा करना चाहती है उसे भी मजबूरन इन छोटे वाहनों से यात्रा करना पड़ती है। सुरक्षा की दृष्टि से भी यह छोटे वाहन लंबी दूरी के लिए सही नही हैं।
शीशगढ़-बहेड़ी बस यूनियन अध्यक्ष शकील अहमद का कहना है कि शीशगढ़-बहेड़ी रोड पर चलने वाली सभी बसों से सरकार को प्रत्येक वर्ष बीमा, फिटनेस, व टैक्स सहित 14 लाख का राजस्व प्राप्त होता है।परंतु ई रिक्शा व अवैध टैंपू संचालन के खिलाफ संबंधित उच्च अधिकारियों से से शिकायत करने के बाद कार्यवाही के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की गई।
यूनियन के सचिव मौलाना तौकीर अहमद जाफरी बताते हैं कि प्रत्येक बस पर तीन लोग (चालक, परिचालक व क्लीनर) का स्टाफ काम करता है। बसों के न चलने से बस पर चलने वाले स्टाफ व स्वामियों पर रोजी रोटी का संकट खड़ा होv दो माह से बसों का संचालन ठप पड़ा है। परिवार को पालने के लिए मेहनत मजदूरी करने का नंबर आ गया है।
मामला हमारे संज्ञान में है जल्दी ही अभियान चलाकर अवैध वाहनों पर कार्यवाही की जाएगी।
दिनेश कुमार
आरटीओ प्रवर्तन, बरेली।

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