बरेली पुलिस की गिरफ्त में आया  साइको किलर 

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बरेली। शाही थाना क्षेत्र में हुई 9 महिलाओं की हत्याओं का शुक्रवार को  सीरियल किलर को गिरफ्तार करके घटना का खुलासा कर दिया । बरेली पुलिस ने हत्याओं के खुलासों के लिए जमीनी स्तर पर काम किया था। बरेली पुलिस ने महिलाओं की हत्या के लिए एक बार रूम बनाया था जहां पुलिस के अधिकारी केस  को लेकर चर्चा करके घटना के खुलासे के लिए बात किया करते थे। बरेली पुलिस ने खुलासे के लिए घटनास्थल के 25 किलो टर के क्षेत्र में 1500 सीसीटीवी कैमरे को खंगाला  था साथ ही क्षेत्र में  600 सीसीटीवी कैमरे लगाकर क्षेत्र की गतिविधियों  पर नजर बनाई रखी थी। बरेली  पुलिस ने इस क्रम में महाराष्ट्र में  जाकर वहां हुई सीरियल किलर की घटनाओं का  अध्ययन किया था। साथ ही 1.5 लाख मोबाइल  डाटा का आकलन भी किया था। पुलिस ने  स्थानीय  महिलाओं  करने के साथ गूगल मेपिंग की सहायता लेकर खुलासे के लिए योजना बनाई थी।
स्कैच जारी होते ही हत्यारा पुलिस की गिरफ्त में आया 
बरेली पुलिस  ने जैसे ही एक्सपर्ट की मदद लेकर स्कैच बनवाये उसके 36 घंटे के  भीतर पुलिस ने हत्यारोपी को बुझिया जागीर को जाने वाले मार्ग से  नवाबगंज के बाकरगंज निवासी कुलदीप पुत्र बाबूराम गिरफ्तार कर लिया। अभियुक्त पुलिस की पूछताछ में सभी सनसनी घटनाओं को अंजाम देने की बात स्वीकारी है।
कुलदीप की कहानी फिल्म  जैसी 
बरेली पुलिस ने शाही थाना क्षेत्र में हुई 6 महिलाओं की  हत्याओं  खुलासा किया और जो बातें मीडिया को बताई वह एक फिल्म जैसी है।  बरेली पुलिस के मुताबिक कुलदीप की दो सगी और मां की मौत हो चुकी है। उसके पिता बाबूराम ने उसकी मां  के जीवित रहते हुए दूसरी महिला  से विवाह कर लिया था। कुलदीप का पिता बाबू राम अपनी पहली पत्नी को दूसरी पत्नी कहने पर मारपीट किया करता था। इन सब बातों से कुलदीप का अपनी सौतेली मां प्रति नफरत हो गई थी। वहीँ कुलदीप की पत्नी  भी उसके असामान्य व्यवहार के चलते छोड़कर चली गई। इसके बाद वह गलत सागत में पड़ता गया। उसे महिलाओं से नफरत होने लगी।
इस तरह मिलते थे शव 
 शाही थाना क्षेत्र में हुई महिलाओं की हत्या के मामले में सबसे खास बात यह थी सभी महिलाओं की हत्या चुन्नी से गला दबाकर गन्ने के खेत में की गई थी  और उस समय हुई है जब महिलाएं घटना के वक्त खेत में अकेली थी। वही हत्यारा घटना को अंजाम देने के बाद महिलाओं के शव के पास से कोई ना कोई सबूत अपने साथ लेकर जाता था।
एसएसपी खुलासे पर यह बोले 
एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि पिछले एक वर्ष से पुलिस के अधिकारी और कर्मचारी द्वारा बड़ी मेहनत से काम किया। केस के खुलासे के लिए वॉर रूम बनाया गया , डाटा को संग्रह किया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्टो का भी गंभीरता से अध्ययन किया गया। फोरेंसिक से भी बहुत सारी सलाह ली गई जो उनसे इनपुट लिए गए ,1500 कैमरों के सीसीटीवी footage देखे। सिविल ड्रेस और पुलिस ड्रेस में भी क्षेत्र में तैनात किये गए। घटना के खुलासे में शाही थाने में तैनात चार सिपाहियों का खुलासे के लिए बहुत मेहनत की गई। इसके बाद मिले इनपुट और मुखबिरी का इस्तेमाल करते हुए घटना का अनावरण करते हुए हत्यारोपी को गिरफ्तार किया गया है। उनके ओर इन सिपाहियों को 25 हजार रुपए का पुरस्कार दिया जा रहा है।

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