सावन के पहले सोमवार को बरेली के नाथ मंदिरों में श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़

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बरेली । उत्तर प्रदेश का बरेली जिला नाथ नगरी के रूप में विशेष पहचान रखता है। शहर के चारों कोनो  पर नाथ मंदिर होने के चलते बरेली शहर को नाथ मंदिर के रूप में जाना जाता है। बरेली के बारे में यह भी कहा जाता है कि इस शहर पर शिव भगवान का आशीर्वाद होने के चलते हर मुसीबत से दूर रहता है। बरेली में करीब दस प्राचीन मंदिर है जिसमे अलखनाथ, तपेश्वरनाथ, , त्रिवटीनाथ , मणिनाथ, धोपेश्वर नाथ, बनखंडी नाथ खास है । सभी को सिद्ध मंदिर के रूप में मान्यता है। हालांकि सावन के पहले सोमवार को शहर और ग्रामीण क्षेत्रों के शिवमंदिरों में जबर्दस्त भीड़ देखी गई। श्रद्धालुओं सुबह से लाइन लगाकर जलाभिषेक के लिए इंतजार करते हुए दिखाई दिए। वहीं बच्चों में भी बाबा भोले के दर्शन के लिए खास क्रेज भी देखा गया।
त्रिवटीनाथ मंदिर
त्रिवटी नाथ बरेली के प्राचीन मंदिरों में शामिल है। इस मंदिर के बारे में मान्यता यह है यहाँ शिवलिंग स्वंय प्रकट हुए है। लोग बताते है कई सौ वर्ष पहले एक व्यक्ति को स्वप्न हुआ कि वह जा सो रहा है उसके नीचे एक शिवलिंग है। इसके बाद उस शख्स ने जब लोगो को बताया उसके बाद खुदाई के बाद शिवलिंग मिला। तबसे यह मंदिर प्रसिद्ध हो गया। इस मन्दिर की एक और खास बात है यह तीन बरगद के पेड़ों के बीच है।
पहले सोमवार को उमड़ा शिवभक्तों का भीड़
त्रिवटी नाथ में सुबह से भगवान शिव का जलाभिषेक करने के लिए भीड़ लगी है। लोग बरेली जिले के साथ आसपास के जिलों शिवभक्त पहुंच रहे है। यहां पहुंचे शिवभक्तों का कहना है यहां सावन के माह में आने का विशेष महत्व होता है। यहां सभी की मनोकामना पूरी होती है। लोगों की मान्यता यह भी है अगर लोग कांवड़ यात्रा के दौरान त्रिवेटी नाथ नही आते है तो उनकी यात्रा अधूरी ही रहती है।

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