सलाम शास्त्री की एक पहल ने बदल दी शीशगढ़ के युवाओं की तकदीर, आज विशेषज्ञ डाक्टर बनकर  कर रहे है शीशगढ़ का नाम रोशन

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शीशगढ़ (बरेली )।  कस्बे के निवासी हाजी अब्दुल सलाम शास्त्री की एक अच्छी पहल ने कस्बे के  युवाओं की तकदीर बदल दी। आज कस्बे  के करीब पांच दर्जन युवा मेडिकल कोर्स एम बी बी एस , एम डी , एम एस कर चुके है या कर  रहे है। इनमे से कुछ लोग विभिन्न स्थानों पर  अच्छे बड़े अस्पतालों  पर अपनी सेवाएं भी  दे रहे है। शीशगढ़ कस्बे के लिए यह बड़े ही फख्र की बात है।अब यह संख्या लगातार इजाफा कर रही है ।प्रत्येक वर्ष करीब तीन से चार  युवा नीट की परीक्षा पास करके  डाक्टर बनने के लिए मेडिकल कालेज पहुंच रहे है।
दरसल  शीशगढ़ के मोहल्ला दर्जी चौक निवासी हाजी अब्दुल सलाम शास्त्री ने अपने बेटे सुहैब आलम व इमरान को वर्ष 2007-2008में  एम बी बी एस में एडमिशन कराकर एक अच्छी शुरुआत की थी। इससे पूर्व शीशगढ़ कस्बे में एक भी एम बी बी एस डाक्टर नही था। साढ़े पांच वर्ष का मेडिकल कोर्स करने के बाद डाक्टर सुहैब को पी जी में एडमिशन मिल गया। उन्होंने ई एन टी में एम एस की डिग्री प्राप्त की। वर्तमान समय में डाक्टर सुहैब राजश्री मेडिकल कॉलेज में अपनी सेवाएं दे रहे है। जबकि डाक्टर इमरान शीशगढ़ में शास्त्री अस्पताल के नाम से एक बड़ा अस्पताल चलाकर गरीब जनता की सेवा कर रहे है।
डाक्टर सुहैब व डाक्टर इमरान से युवाओं को जो प्रेरणा मिली वह काबिले तारीफ है। आज कस्बे के करीब पांच दर्जन   युवा नीट  परीक्षा पास करके एम बी बी एस, एम एस की डिग्री पास करके देश के विभिन्न स्थानों पर अपनी सेवाएं दे रहे है।
डाक्टर फहीम ने आल इंडिया इंस्टीट्यूट तक लहराया शीशगढ़ का परचम।
शीशगढ़ कस्बे के निवासी डाक्टर फहीम ने दिल्ली के मेडिकल कालेज से एम बी बी एस की परीक्षा पास करके  रेडियोलॉजिस्ट में एम डी की डिग्री हासिल करके दिल्ली के सबसे बड़े अस्पताल आल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में एस  आर शिप( सीनियर रेजिडेंस) के  पद पर करीब ढाई साल तक अपनी सेवाएं दी  । वर्तमान समय में डाक्टर फहीम बरेली के एक प्राइवेट  इसवा  सेंटर में अपनी सेवाएं दे रहे है।
डाक्टर मुजीबुर रहमान ने विशेषज्ञ डाक्टर बनकर अपने पिता के सपने को किया साकार।
शीशगढ़ कस्बे के मोहल्ला  जामा मस्जिद के निवासी मुजीबुर रहमान ने एम बी बी एस के बाद एम डी  पैथ में करके अपने बालिद मरहूम बाबू मास्टर के सपने को साकार किया। वर्तमान समय में डाक्टर मुजीबुर रहमान बरेली के  एक बड़े सेंटर में  अपनी सेवाएं दे रहे है।जबकि उनका छोटा भाई भी मेडिकल कालेज में  प्रशिक्षण प्राप्त कर रहा है। इसके अलावा शीशगढ़ के ही डाक्टर जुबैर दिल्ली के जी बी पंत अस्पताल में एम सी एच का कोर्स कर रहे है।जबकि हाजी वकील के पुत्र डाक्टर तनवीर एम  बी बी एस के बाद चर्म रोग विशेषज्ञ बनकर   शीशगढ़ कस्बे के साथ साथ बरेली के कई स्थानों पर बैठकर गरीबों की सेवा कर रहे है। युवाओं के साथ साथ तीन युवतियों को भी  एम बी बी एस का मेडिकल कोर्स करने का गौरव प्राप्त हुआ है।
सलाम शास्त्री ने बचपन में देखा  सपना  हुआ साकार
कस्बे के निवासी समाजसेवी हाजी अब्दुल सलाम का कहना है कि बचपन में उन्होंने सपना देखा था कि वह अपने बच्चो को विशेषज्ञ डाक्टर बना कर गरीबों का इलाज करने में अपना योगदान देंगे उनके युवा पुत्र डाक्टर सुहैब आलम व डाक्टर इमरान ने एक अच्छा डाक्टर बनकर उनके सपने को साकार किया।शास्त्री अस्पताल गरीबों के इलाज के लिए वरदान साबित हो रहा है। अब्दुल सलाम शास्त्री की एक अच्छी सोच को सैल्यूट करना तो बनता है।

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