गोला बैराज से छोड़ा गया 75,834 क्यूसेक पानी, करनपुर गांव में कटान से कई बीघा जमीन बर्बाद

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मीरगंज – पिछले चार दिनों से पहाड़ों और मैदानी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश के बाद बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। जिले के मीरगंज और बहेड़ी इलाकों में रामगंगा, बहगुल और किच्छा नदियों में जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा है। इससे मीरगंज के करनपुर गांव में कटान शुरू हो गई है, जिससे कई बीघा जमीन कट चुकी है और अब वहां के मकानों पर खतरा मंडरा रहा है। गांव के लोग परेशान हैं और वे अब यह सोच रहे हैं कि अगर स्थिति और बिगड़ती है तो वे कहां जाएंगे।
शुक्रवार को गोला बैराज से 75,834 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, जिससे किच्छा नदी उफान पर आ गई। शनिवार को फिर से सुबह 16,546 क्यूसेक पानी और छोड़ा गया, जिससे बहेड़ी और मीरगंज तहसील के कई गांवों में पानी भर गया। बाढ़ का पानी खेतों से लेकर सड़कों तक फैलने लगा है। कई गांवों में धान और गन्ने की फसलें बर्बाद हो चुकी हैं और पशुओं के चारे का भी नुकसान हुआ है।प्रशासन ने सतर्कता बरतते हुए गांवों में बाढ़ चौकियां स्थापित की हैं और लेखपालों को नजर रखने के निर्देश दिए हैं। एसडीएम मीरगंज तृप्ति गुप्ता ने बताया कि रामगंगा नदी किनारे बसे गांवों में भी कटान की सूचना मिली है। प्रशासन ने कटान को रोकने के लिए बाढ़ खंड विभाग को निर्देश दिए हैं।
ग्रामीण इलाकों में हालात गंभीर बने हुए हैं, और गांवों में बनी राइस मिल समेत कई घरों में पानी भर गया है।गोला बैराज से पानी छोड़े जाने की चेतावनी पहले ही जारी कर दी गई थी, जिसके बाद नदी किनारे बसे घरों को खाली करवा लिया गया था। हालांकि, बाढ़ का पानी लगातार बढ़ रहा है और देर रात तक स्थिति और खराब हो सकती है। प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और ऊंचे स्थानों पर शरण लेने की सलाह दी है।

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