आनंद बाहर के विषयों में नहीं भीतर से होता है- आचार्य मुकेश

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बरेली ।मीरा की पैठ स्थित ठाकुर जी महाराज मंदिर में चल रही है कथा का फूलों की होली के खेल कर विश्राम किया गया कथा व्यास आचार्य मुकेश मिश्रा ने भगवान दत्तात्रेय विषय पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भगवान दत्तात्रेय ने अनुभव सिद्ध बात कही है की आनंद बाहर के विषयों में नहीं भीतर है और उन्होंने बताया है कि दीक्षा गुरु एक होता है किंतु शिक्षा गुरु अनेक हो सकते हैं भगवान दत्तात्रेय ने अपने जीवन 24 शिक्षा गुरु वनाये। उन्होंने सत्संग की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि वृत्रासुर, प्रहलाद, बलि राजा, विभीषण, सुग्रीव,, कुब्जा, ब्रज की गोपियों आदि सत्संग के द्वारा ही भगवान को प्राप्त कर सके वे वेदों से भी अज्ञात थे और उन्होंने तप भी नहीं किया था फिर भी सत्संग प्रेरित भक्ति के कारण वो भगवान के प्रिय पात्र बने।

 

 

 

नाम संकीर्तन को कलयुग से पार करने वाली नौका बताया परीक्षित मोक्ष विषय पर प्रकाश डालते हुए महाराज  ने कहा  श्रीमद् भागवत भागवत महापुराण श्रवण के पांच फल निर्भरता, संशय रहित ,हृदय में प्रभु का साक्षात प्रवेश, और सभी में भगवान दर्शन तथा परम प्रेम यह पांचो फल परीक्षित ने प्राप्त किया और उनका मोक्ष हुआl जो इस कथा को सुनता है या जो इस कथा को कहता है अथवा कथा सुनकर प्रसन्न होता है उस मनुष्य का प्रभु कभी त्याग नहीं करते। आचार्य ने श्रीमद्भागवत कथा का सार प्रस्तुत करते हुए कहा कि यह ऐसी दिव्या रसभरी पावन कथा है जिससे आनंद की प्राप्ति होती है। अंत में फूलों की होली खेलकर कथा को विश्राम दिया गया सभी भक्तों ने कथा व्यास को भावुक होते हुए सम्मानित किया और विदा किया।कथा के मुख्य यजमान  वेद प्रकाश गुप्ता ने व्यास मंच की पूजा अर्चना की। पंडित प्रभात मिश्रा ने वेदमंत्रो के साथ पूजा संपन्न कराई। इस मौके पर गिरिजा किशोर गुप्ता, राहुल गुप्ता, वेद प्रकाश गुप्ता, नरेश मिश्रा, मुरारी लाल गुप्ता, राहुल गुप्ता ,विष्णु गुप्ता,विजय कुमार गुप्ता, आदि का विशेष सहयोग रहा।

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